जैनम जयति शासनं
प्रेरणा स्रोत : श्री गौतमचंद देवराजजी जैन,चेन्नई
Wednesday, 2 January 2013
शब्दों में अभिव्यक्त कर सकते नहीं आह्लाद हम
भावनाओं के भंवर में ज्यों सहस्त्रदल खिल गए हैं
इस तरह से आप और हम अब परस्पर मिल गए हैं
शब्दों में अभिव्यक्त कर सकते नहीं आह्लाद हम
किस तरह प्रेषित करें, निज मन से धन्यवाद हम
____अलबेला खत्री
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